लोकतंत्र वाणी / संवाददाता
मोदीनगर। एसआरएम आईएसटी दिल्ली-एनसीआर कैंपस, मोदीनगर में 35 यूपी वाहिनी एनसीसी के अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के कैडेट्स के लिए बी-प्रमाण पत्र की प्रायोगिक एवं लिखित परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हुई। प्रायोगिक परीक्षा 29 मार्च और लिखित परीक्षा 30 मार्च 2025 को आयोजित की गई। परीक्षा का संचालन 37 वाहिनी एनसीसी गाजियाबाद के कमान अधिकारी कर्नल संदीप पांडे के निर्देशन एवं 13 गर्ल्स वाहिनी की प्रशासनिक अधिकारी मेजर मुन्नी पंकज के नेतृत्व में किया गया।
इस परीक्षा में एमएमपीजी डिग्री कॉलेज मोदीनगर, डॉ. के.एन. मोदी साइंस एंड कॉमर्स इंटर कॉलेज मोदीनगर, केवी इंटर कॉलेज मुरादनगर, पीबीएएस इंटर कॉलेज मोदीनगर, जनता इंटर कॉलेज फरीदनगर, चौधरी चरण सिंह इंटर कॉलेज पतला, कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मुरादनगर, एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मोदीनगर सहित विभिन्न संस्थानों के कुल 301 कैडेट्स ने भाग लिया।
कैडेट्स की परीक्षा प्रायोगिक और लिखित दोनों प्रारूपों में कराई गई, जिसमें ड्रिल टेस्ट, शस्त्र प्रशिक्षण, मैप रीडिंग, फील्ड क्राफ्ट, बैटल क्राफ्ट और कम्युनिकेशन जैसी परीक्षाएं शामिल थीं। यह परीक्षा दो वर्षीय प्रशिक्षण के आधार पर आयोजित की गई।
परीक्षा के शुभारंभ पर संस्थान के निदेशक डॉ. एस. विश्वनाथन ने एनसीसी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्र सेवा की भावना विकसित करता है। डीन प्रो. डॉ. आर. पी. महापात्रा ने परीक्षा को कैडेट्स के प्रशिक्षण और अनुशासन के मूल्यांकन का महत्वपूर्ण माध्यम बताया। डीन (साइंस एंड ह्यूमैनिटीज) प्रो. डॉ. नवीन अहलावत ने कैडेट्स का उत्साहवर्धन किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
संस्थान की डीन आईक्यूएसी, डॉ. धौम्या भट्ट ने परीक्षा से पूर्व प्रेरणादायक संबोधन दिया, जिससे विशेष रूप से महिला कैडेट्स में आत्मविश्वास और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता सुदृढ़ हुई।
परीक्षा को सफल बनाने में 35 यूपी वाहिनी मोदीनगर के कमान अधिकारी कर्नल पी. के. सिंह, सूबेदार मेजर परमानंद, सूबेदार सरदार सिंह, नायब सूबेदार अफ्तार हुसैन, हवलदार पवन कुमार, हवलदार संजीत, सूबेदार थापा, हवलदार भूपराम, हवलदार संतोष, जीसीआई सोनिया, 37 यूपी वाहिनी गाजियाबाद के हवलदार बलवंत सिंह, नायब सूबेदार रामनरेश, हवलदार भूपेंद्र सिंह, सूबेदार ज्ञान सिंह, सूबेदार अमरजीत सिंह, जीसीआई सुमन एवं संस्थान के एनसीसी केयर टेकर ऑफिसर डॉ. संदीप कुमार, एनसीसी प्रशिक्षक ज्योति सचदेवा एवं देवराज सिराधना का विशेष योगदान रहा।