लोकतंत्र वाणी / संवाददाता
मेरठ।
कला और सामाजिक विज्ञान संकाय के भाषा विभाग ने इंडो कोरिया बिज़नेस कल्चर सेंटर के के संयुक्त तत्वावधान में हंगुल उत्सव मनाया गया। यह उत्सव 1443 में किंग सेजोंग द ग्रेट द्वारा कोरियाई लेखन प्रणाली के निर्माण की याद में मनाया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के बीच कोरियाई भाषा के लिए सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम की शुरुआत कोरियाई प्रशिक्षक श्री राहुल कुमार के प्रेरक वक्तव्य से हुई, जिसमें उन्होंने हंगुल के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला । कोरियाई प्रशिक्षक ने किमची, बुल्गोगी और टेटोबोक्की जैसे खाद्य पदार्थों और व्यंजनों के बारे में जानकारी दी और छात्रों ने इन खाद्य पदार्थों के सांस्कृतिक महत्व के बारे में जानने का आनंद लिया। साथ ही छात्रों को कोरियाई वर्णमाला से परिचित कराया। प्रतिभागियों ने हंगुल सीखा और उन्हें “हैलो,” “गुड मॉर्निंग,” “थैंक यू,” और “आई एम सॉरी” जैसे आवश्यक कोरियाई अभिवादन का अभ्यास करने का अवसर प्राप्त हुआ। कोरिया भाषा सीख रही छात्रा अदिति ने कोरियाई भाषा में राष्ट्रगान प्रस्तुत किया, जिससे समस्त छात्रों एवं सभागार में उपस्थित विद्वजनों के हृदय में देशभक्ति का भाव जागृत हुआ। छात्रों ने हंगुल के प्रति स्नेह को दर्शाते हुए पारंपरिक कोरियाई गतिविधियों, गीतों और खेलों का प्रदर्शन किया। जिसने अपनी सुंदरता और शान से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अंग्रेजी और विदेशी भाषाओं की प्रभारी डॉ. रफत खानम ने कहा कि इस हंगुल समारोह का उद्देश्य सभी को भाषा से जोड़ना और भाषा कौशल का विस्तार करना है। उन्होंने छात्रों और संकाय सदस्यों को बताया कि कोरियाई भाषा और संस्कृति से सम्बंधित विभिन्न गतिविधियाँ का भाषा विभाग आयोजन करता रहा है ।
भाषा विभाग की अध्यक्ष महोदया डॉ. सीमा शर्मा ने कहा- सामान्यतः भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा आभ्यन्तर अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं वह हमारे आभ्यन्तर के निर्माण, विकास, हमारी अस्मिता, सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान का भी साधन है। भाषा के बिना मनुष्य सर्वथा अपूर्ण है और अपने इतिहास तथा परम्परा से विच्छिन्न है।
इस अवसर पर कला एवं सामाजिक विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो. डॉ. सुधीर त्यागी ने भाषा विभाग को सफलतापूर्वक सञ्चालन के लिए प्रोत्साहन शब्दों से ओतप्रोत किया।
संचालक छात्रा सामिया रही। कार्यक्रम के दौरान प्रो. राजेश्वर, डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. रफत खानम, डॉ. आशीष, डॉ. निशि, सुश्री स्वाति, श्री राहुल कुमार और फहद, भूमि, सामिया, कनिष्का, विधि, आयुषी, अनन्या और अदिति उपस्थित रहे।