लोकतंत्र वाणी / संवाददाता
1032 किमी लंबा सफर तय करेगा 45 सदस्यीय दल, पार करेगा 27 घाटियां और 27 दर्रे
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अभियान को साहस, संकल्प और सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक सुरक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
आईटीबीपी का 45 सदस्यीय दल इस चुनौतीपूर्ण अभियान के तहत उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश होते हुए लद्दाख तक करीब 1032 किलोमीटर की कठिन यात्रा करेगा। इस दौरान दल 27 घाटियों और 27 दर्रों को पार करेगा। यह मिशन सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की निगरानी सुनिश्चित करेगा और साथ ही धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक स्थलों की पहचान व स्थानीय परंपराओं को प्रोत्साहित करने में भी सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के वीर लगातार सेना और अर्धसैनिक बलों में अपनी सेवा देकर देश की रक्षा में योगदान दे रहे हैं। आईटीबीपी वर्ष 1962 से सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ आपदा राहत और बचाव कार्यों में भी अहम भूमिका निभा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सशस्त्र बलों के सशक्तिकरण के लिए चल रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने दुनिया को एक बार फिर यह संदेश दिया है कि देश की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है।
राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही है। शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया गया है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली धनराशि में भी वृद्धि की गई है। बलिदानियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी में समायोजन की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया है।
इसके अलावा, वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों व पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा, संपत्ति की खरीद पर स्टांप ड्यूटी में छूट, तथा बेटियों के विवाह हेतु विशेष अनुदान जैसी योजनाएं भी राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं।