गुरु बिन ज्ञान नहीं रे नहीं, को साकार करते हुए बच्चे बने लव और कुश, महर्षि वाल्मीकि से ज्ञान प्राप्त करने का हुआ मंचन

लोकतंत्र वाणी / संवाददाता

खेकड़ा । नगर के आदर्श पब्लिक स्कूल में आज वाल्मीकि जयंती बड़े हर्षोल्लास से मनाई गई। इस अवसर जयंती समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती कोमल शर्मा ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर प्रकाश डाला व बताया कि, इंसान जन्म से नहीं, अपितु अपने कर्म से महान बनता है।

बताया कि, किस प्रकार रत्नाकर नाम का डाकू नारदमुनि के मार्गदर्शन से महर्षि वाल्मीकि बन गया और उन्होंने “रामायण” जैसे महान पवित्र ग्रंथ की रचना का गौरव मिला, जिसमें चौबीस हजार श्लोक और सात कांड लिखे गये।बताया कि, महर्षि वाल्मीकि की रामायण सिर्फ एक कथा नहीं, बल्कि जीवन को धर्म से जोड़ने वाला एक मार्गदर्शक ग्रंथ हैं। मनुष्य को हमेशा अपने कर्म श्रेष्ठ रखने चाहिए अपने सत्कर्मों द्वारा वाल्मीकि जी ने समाज के आगे एक बड़ा उदाहरण पेश किया।

इस अवसर पर वाल्मीकि के रूप में आरव सेहरावत, सीता के रूप में रिद्धि, लव व कुश के रूप में सम्राट त्यागी तथा अक्षित जैन ने सभी का मन मोह लिया । कार्यक्रम में मोनिका, अंजली,राधिका,खुशी,दीपा,नीतू,रेखा,विदुषी,सरिता,शिवानी,संध्या,सारिका,पायल, नितिन सुरेखा, बीना, रुखसार, संजय, प्रमोद, सचिन,दीपक आदि का सहयोग रहा।

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