लोकतंत्र वाणी / संवाददाता
खेकड़ा। रटौल के परिवार ने मेरठ में बेटी का रिश्ता तय किया था। शादी की तारीख भी पक्की हो गई थी और कार्ड भी छप गए थे। इस बीच लड़के पक्ष ने कार की डिमांड रख दी, जिससे लड़की पक्ष ने दहेज लोभियों के वहां अपनी बेटी न भेजने का निर्णय ले लिया। क्षेत्रभर में इस निर्णय की प्रशंसा हो रही है।
रटौल के डा शकील अहमद ने अपनी बेटी का रिश्ता मेरठ के एक गांव के युवक से तय किया था। आगामी पांच नवम्बर शादी की तारीख भी तय हो गई थी। लडके पक्ष से 21 लोग चिठ्ठी लेने रटौल भी आए, लेकिन उन्होंने चिठ्ठी के बाद शादी में 20 लाख की कार देने की डिमांड रख दी , जिससे रटौल का परिवार सकते में आ गया। उन्होने घर परिवार में सलाह करने के बाद दहेज लोभियों के यहां अपनी बेटी ना भेजने कडा निर्णय ले लिया।
डा शकील ने बताया कि, उन्होने बेटी को पढा लिखा कर डाक्टर बनाकर आत्मनिर्भर बनाया। वे शादी में अपनी सामर्थ्य के अनुसार खर्च भी करने वाले थे, लेकिन दहेज लोभी लडके के घर वे अपनी बेटी नही देंगे। उधर रटौल समेत क्षेत्रभर में बेटी के परिवार के निर्णय की प्रशंसा हो रही है। पूरा प्रकरण चर्चा का विषय बना हुआ है।