भारत ने खाद्य जरूरतों के लिए लाओस को दिया 10 लाख डॉलर का अनुदान

एजेंसी।

नई दिल्ली। भारत ने लाओ पीडीआर (लाओस) को 10 लाख अमेरिकी डॉलर की अनुदान राशि प्रदान की है, जिसका उपयोग खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। भारत के इस कदम ने ग्लोबल साउथ (गरीब एवं विकासशील देश) के प्रति एक बार फिर इसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत के स्थायी मिशन ने एक बयान में कहा लाओ पीडीआर सरकार के अनुरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारत सरकार ने ‘बड़े पैमाने पर खाद्य सुदृढ़ीकरण को सुदृढ़ बनाना: चावल सुदृढ़ीकरण में निवेश’ परियोजना के लिए भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी निधि के तहत लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुदान राशि प्रदान की है।
भारतीय मिशन के कहा परियोजना का उद्देश्य खाद्य सुदृढ़ीकरण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, पोषण-विशिष्ट रणनीतियों की दीर्घकालिक आपूर्ति को संबोधित करना, खाद्य प्रणालियों को मजबूत करना, पोषण विविधता को बढ़ाना और लाओ पीडीआर में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करना है। इस परियोजना को भारत का समर्थन लाओ पीडीआर के साथ भारत के गहरे संबंधों का प्रतिबिंब है, जिसमें सहयोग के कई क्षेत्र शामिल हैं।
भारत सरकार द्वारा जून 2017 में स्थापित भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास भागीदारी निधि, विकासशील देशों में उन परियोजनाओं को सहायता प्रदान करती है, जिनका उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देना है। यह निधि दक्षिण-दक्षिण सहयोग के सिद्धांतों को केंद्रीयता प्रदान करती है और राष्ट्रीय स्वामित्व और नेतृत्व, समानता, स्थिरता एवं स्थानीय क्षमता के विकास को प्राथमिकता देती है। हाल ही में लाओस के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि लाओस सहित समस्त आसियान क्षेत्र भारत के इंडो-पैसिफिक विजन और क्वाड को-ऑपरेशन के केंद्र में है।
बता दें कि भारत ने इस साझेदारी निधि के तहत हाल ही में अल साल्वाडोर के विभिन्न क्षेत्रों के 82 स्कूलों में 1,500 बच्चों को 4,500 पुस्तकें वितरित कीं थीं। अभी तक भारत सरकार द्वारा इस कोष के लिए 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर की धनराशि प्रदान की जा चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *