आदर, सेवा, त्याग व भोग के साथ ही जीवन जीने की सर्वोत्तम कला की सीख भी रामकथा के द्वारा: अतुल कृष्ण

लोकतंत्र वाणी / संवाददाता

बालैनी। पुरा महादेव स्थित परशुराम खेड़ा मंदिर पर चल रही 7 दिवसीय श्री रामकथा के पांचवे दिन कथावाचक आचार्य अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि, दूसरो की संपत्ति चाहे कितनी भी मूल्यवान हो उस पर हमारा कोई अधिकार नहींं है।

अंतरराष्ट्रीय कथावाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि रामायण हमें जीवन जीने के तरीके सिखाती है,रामायण हमें आदर सेवा भोग, त्याग व बलिदान के साथ दूसरो की संपत्ति पर हमारा अधिकार नही यह ज्ञान भी देती है। कहा कि,जिस प्रकार श्रीराम ने दीन-दुखियो, वनवासियो, आदिवासियो के कष्ट दूर करते हुए उन्हें संगठित करने का कार्य किया एवं उस संगठित शक्ति के द्वारा ही समाज में व्याप्त बुराइयो को दूर किया। इसलिये हमे भी जरूरतमंदो एवं दीन-दुखियो की सेवा करनी चाहिये। इस दौरान सुरजमुनि महाराज, देवमुनि महाराज,डॉ एसपी यादव, पंडित आदेश फौजी,पंडित श्रीकिशन शर्मा,विजय शर्मा आदि मौजूद रहे।

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