लोकतंत्र वाणी / संवाददाता
बालैनी। पुरा महादेव गांव स्थित प्राचीन धार्मिक स्थल परशुराम खेड़ा मंदिर पर कलश यात्रा के साथ सात दिवसीय रामकथा शुरू हुई। पहले दिन कथा वाचक ने गुरु एवं नाम महिमा के साथ भावना एवं भक्ति की सुंदर व्याख्या की। रामकथा मे सैकड़ों महिलाए और क्षेत्र के ग्रामीण शामिल रहे।
पुरा महादेव गांव स्थित परशुराम खेड़ा मंदिर पर 13 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक चलने वाली सात दिवसीय भव्य रामकथा की शुरुआत हुई। पहले दिन पुरा महादेव मंदिर से परशुराम खेड़ा मंदिर तक कलश यात्रा निकाली गई। इसके बाद वृंदावन से आये प्रसिद्ध कथा वाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि, गुरु का अर्थ है अपने शिष्य को सदैव अंधकारमय जीवन से मुक्त कर प्रकाश की और बढ़ाने का मार्गदर्शन करे। गुरु नरहरिदास की कृपा से एक साधारण से बालक श्री रामचरितमानस के रचयिता बन गए। संत तुलसीदास जी बाल्यकाल में भूखे रहते थे, लोग अपने दरवाजो पर खड़े नही होने देते थे, लेकिन बड़े होने पर मानस की रचना करने के बाद बड़े-बड़े राजा उनके पांव धोते थे, ये केवल गुरु कृपा है।
कथावाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि ,कलियुग मे नाम की बड़ी महिमा है। राम-नाम भगवान् तक पहुंचने का एक ऐसा साधन है जो मानव समाज को इस भाव सागर से भी पार उतार देता है। मंच संचालन विजय शर्मा ने किया । इस दौरान सुरज मुनि महाराज, देवमुनि महाराज, डॉ एसपी यादव,अशोक माहेश्वरी, मनोज शर्मा, तेजपाल प्रधान, जगबीर प्रधान, आदेश फौजी, नरेश आढ़ती आदि मौजूद रहे।