चेतावनी :आदेश का अनुपालन न करने पर वेतन रोके जाने पर होंगे गंभीर परिणाम
लोकतंत्र वाणी / डॉ.योगेश कौशिक
बागपत।उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय संरक्षक मण्डल सदस्य स्वराज पाल दुहूण ने आरोप लगाया कि, प्रदेश सरकार,शासन व विभाग ,माध्यमिक शिक्षा को सही तरीके से संचालित करने में बाधा उत्पन्न कर रही है।
शिक्षक नेता ने कहा कि,वर्ष 1981 से 2020 तक नियुक्त शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की सतर्कता अधिष्ठान से जांच कराने का निर्णय हैरान करने वाला है। नियुक्तियों की जांच के नाम पर पूरे प्रदेश में भय का वातावरण उत्पन्न करना अनुचित है।कहा कि, सरकार उक्त आदेश को तुरंत वापस ले; अन्यथा पूरे प्रदेश में पठन पाठन बन्द कर आन्दोलन किया जावेगा।
ज्ञातव्य हो कि शिक्षा निदेशक द्वारा गत 28 अगस्त को प्रदेश के सभी संयुक्त शिक्षा निदेशक व जिला विद्यालय निरीक्षक के पद नाम से जारी आदेश में ,प्रदेश के 40 हज़ार से अधिक शिक्षकों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नियुक्ति की जांच सतर्कता अधिष्ठान से कराये जाने के लिए अभिलेख उपलब्ध कराने का आदेश निर्गत किया है ,जिससे पूरे प्रदेश में विभाग और शिक्षकों में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। प्रदेश के अनेक जिलों में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा उक्त आदेश के क्रम में विद्यालयों को पत्र लिखकर शिक्षकों को परेशान करना प्रारंभ भी कर दिया है।
शिक्षक नेता श्री दुहूण ने मेरठ खण्ड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के सभी जिलाध्यक्षों व मंत्रियों से अपील की है कि, वे अपने-अपने जिलों में प्रेस कांफ्रेंस करके शिक्षा निदेशक के बेतुके आदेश का पुरजोर विरोध करें।साथ ही यदि शिक्षा निदेशक के आदेश पर जिविनि द्वारा आदेश निर्गत कर नियुक्ति सम्बन्धी पत्रावली मांगी जा रही हों ,तो विद्यालय के प्रबन्धक प्रधानाचार्य उसे कदापि न दें।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि, पूरे परिक्षेत्र में उक्त आदेश के क्रम में यदि किसी भी शिक्षक -प्रधानाचार्य का वेतन रोका गया तो परिणाम गम्भीर होंगे।श्री दुहूण ने कहा कि शासन व विभाग के अधिकारी शिक्षकों के सन्दर्भ में अनाप- शनाप आदेश निकाल कर प्रदेश की योगी सरकार की छवि को प्रायोजित तरीके से ख़राब कर रहे हैं। इस अव्यवहारिक आदेश का सरकार तुरंत संज्ञान ले और इसे निरस्त करे।बताया कि प्रदेश संगठन ने भी इसे बहुत ही गंभीरता लिया है।