लोकतंत्र वाणी / संवाददाता
नई दिल्ली। लाओस स्थित भारतीय दूतावास ने साइबर स्कैम केंद्रों के चंगुल में फंसे 47 भारतीयों को बचाया और उनकी घर वापसी सुनिश्चित की। इनमें से 30 नागरिक शनिवार को भारत पहुंचे थे, जबकि 17 अन्य रविवार को अपने देश पहुंचे।
बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों के साइबर स्कैम में फंसे होने की सूचना मिलने पर दूतावास ने लाओस (लाओ पीडीआर) में स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय किया और भारतीयों को जालसाजों से बचाया। दूतावास ने एक बयान में बताया कि लाओस के अधिकारियों ने गोल्डन ट्राइंगल विशेष आर्थिक क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई के दौरान 29 भारतीयों को दूतावास को सौंपा, जबकि अन्य 18 व्यक्तियों ने खुद से दूतावास से संपर्क किया और फ्रॉड कंपनियों की ओर से दी जा रही प्रताड़ना से बचने के लिए सहायता मांगी।
बयान में कहा गया दूतावास के अधिकारियों ने उनके बचाव के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से संपर्क करने के लिए राजधानी वियनतियाने से बोकेओ की यात्रा की। दूतावास द्वारा बोकेओ से वियनतियाने तक परिवहन का प्रबंध किया गया और भारतीयों के आवास और भोजन की व्यवस्था भी की गई। इसके बाद दूतावास ने भारत में उनके प्रत्यावर्तन के लिए लाओ अधिकारियों की सभी प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को पूरा किया।
भारत के लिए रवाना होने से पहले लाओस में भारत के राजदूत प्रशांत अग्रवाल ने फ्रॉड कंपनियों के चंगुल से बचाकर लाए गए लोगों से मुलाकात की और उनके सामने आने वाली चुनौतियों की जानकारी ली।
राजदूत अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीयों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना दूतावास के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि संकट में फंसे लोगों की जानकारी मिलते ही दूतावास की ओर से तत्काल कार्रवाई की जाती है और सभी उचित सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि अभी तक जालसाजों के झांसे में फंसे 635 भारतीयों को बचाया जा चुका है और उनकी सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित की गई है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)