विश्व युवा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं छात्र राजद जिला प्रभारी मुकेश यादव ने उच्चतम न्यालय के एमसी मेहता रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अनिवार्य पर्यावरण शिक्षा लागू करने की मांग की
पर्यावरण विज्ञान से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके छात्रों को बीपीएससी शिक्षक बहाली में शामिल नहीं करना अन्याय – मुकेश यादव
लोकतंत्र वाणी / संवाददाता
सीतामढ़ी। विश्व युवा परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष व छात्र राजद जिला प्रभारी मुकेश यादव ने प्रेस जारी कर सरकार से मांग किया की आगामी बीपीएससी शिक्षक बहाली में पर्यावरण विज्ञान से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके छात्रों को ट्री 3.0 में मौका मिलना चाहिए जिसमे बीएड डिग्री की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए।आगे उन्होंने कहा की सुप्रीम कोर्ट के एमसी मेहता रिपोर्ट वर्ष 1991 ई .के अनुसार पर्यावरण शिक्षा अनिवार्य रूप से लागू करना है।जब कि कोर्ट के इस रिपोर्ट को सरकार अवहेलना कर रही है। बिना पर्यावरण शिक्षा के पर्यावरण संरक्षण की कल्पना करना रेत की दीवार पर घर बनाने के समान है। एमसीए के छात्रों को बिना बीएड डिग्री के बीपीएससी शिक्षक बहाली में शामिल किया जा सकता हैं। तो पर्यावरण विज्ञान से पीजी कर चुके छात्रों को क्यू नही किया जा सकता हैं। वनस्पति विज्ञान के छात्रों और लाइफ साइंस के छात्रों को मौका दिया जाता हैं। लेकिन पर्यावरण विज्ञान के छात्रों को नही जो पूरी तरह से गलत है। यादव ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार से मांग किया है। की अविलंब पर्यावरण विज्ञान को बीपीएससी शिक्षक बहाली के विषय समूह में शामिल करते हुए इसकी पढ़ाई कर चुके छात्रों को आगामी शिक्षक बहाली में मौका देने का निर्देश जारी करें। पर्यावरण मंत्री डॉ. प्रेम कुमार से मांग किया की पर्यावरण विभाग में लगभग पच्चीस सौ से ज्यादा खाली पड़े सीटों पर बहाली निकाले और इस विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मी को स्थाई कर्मी का दर्जा दे। यदि ये मांगे पूरी नही की जाती हैं। तो विश्व युवा परिषद ग्रीन मूवमेंट के तहत विरोध प्रदर्शन करेगा। इतना ही नहीं कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर किया जाएगा। इसको लेकर पूर्व में बीपीएससी चेयरमैन को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। कई सालों से विभिन्न माध्यमों से आवाज उठाया जा रहा हैं। लेकिन सरकार अनसुनी कर रहा है। अब सरकार के ये दोहरी नीति छात्र बर्दास्त नही करेगा।